Monsoon Skin Care Tips: बारिश के मौसम में भी स्किन करेगी ग्लो, बस डर्मेटोलॉजिस्ट के बताए हुए ये टिप्स आजमाएं

Monsoon Skin Care Tips: चिलचिलाती धूप के बाद मानसून का मौसम आ चुका है. बारिश के दौरान गर्मी से तो राहत मिल जाती है लेकिन ये मौसम कई स्किन प्रॉब्लम्स को साथ लेकर आता है. दरअसल, बारिश के मौसम में नमी बढ़ने के साथ ही गर्मियों में खुले हुए रोमछिद्र खराब हो सकते हैं, जिससे मुहांसे और स्किन इंफेक्शन हो सकता है. स्किन के लिए थोड़ी नमी तो फायदेमंद हो सकती है लेकिन ज्यादा नमी समस्याओं को और बढ़ा देती है. जिनकी स्किन नेचुरल रूप से ऑयली होती है, उनमें मुंहासे की समस्या और अधिक हो सकती है. इसके विपरीत अगर कोई इस मौसम में रूखी त्वचा पर मॉइस्चराइजर लगाता है तो भी उसे मुंहासे हो सकते हैं. 

इस मौसम में पूरे भारत में फंगल और बैक्टीरियल संक्रमण, चेहरे पर फॉलिकुलिटिस, दाद और कीड़े के काटने की समस्याएं भी आम हैं. फंगल संक्रमण के लक्षण त्वचा का छिलना और पपड़ी बनना जैसे हो सकते हैं. बारिश का पानी बालों की जड़ों को कमजोर करता है जिससे बाल झड़ने भी लगते हैं. 

बारिश के मौसम में स्किन संबंधित समस्याओं को कम करने के लिए क्या करना चाहिए इस बारे में दिल्ली में सेंटर फॉर स्किन एंड हेयर की सीनियर डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. दीपाली भारद्वाज ने मानसून स्किन केयर के लिए कुछ टिप्स बताए हैं. इन टिप्स में मेडिकल और घरेलू उपाय दोनों शामिल हैं जो आपके काम आ सकते हैं. 

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स्किन को ड्राई रखें

मानसून के दौरान बैक्टीरिया और फंगल संक्रमण को रोकने के लिए नियमित रूप से नहाना और अपनी स्किन को ड्राय रखना काफी जरूरी है. जिन अंगों में पसीना आता हैं उन्हें धोकर सुखा लेना बैक्टीरिया और फंग्ल इंफ्फेक्शन से बचने का सबसे अच्छा तरीका है. ऐसे कपड़े चुनें जो आसानी से सूख जाएं. ऐसे में सूती कपड़े पहनना सबसे अधिक कंफर्टेबल होता है क्योंकि वे एयर सर्कुलेट करते हैं. यदि आप किसी भी संक्रमण के लिए संवेदनशील हैं या आपको डायबिटीज है तो एंटीफंगल पाउडर और क्रीम का उपयोग करना उचित है. 

खुद को हाइड्रेट रखें 

मानसून के दौरान कई लोगों का पानी पीना कम हो जाता है. लेकिन ऐसा करने से बचना चाहिए. ठंडे मौसम के बावजूद भी आपको पसीना आता है और उससे आप पानी की मात्रा खो देते हैं इसलिए बारिश के मौसम में भी आपको पर्याप्त पानी पीना जरूरी है. एक वयस्क को प्रतिदिन 4-6 लीटर लिक्विड का सेवन करना चाहिए. इसमें पानी, जूस, सब्जियों में मौजूद पानी भी शामिल है.

पैरों का ख्याल रखें 

मानसून के दौरान अपने पैरों का ख्याल रखना बहुत ज़रूरी है. जो लोग अक्सर जूते और मोजे पहनते हैं और इससे उनके पैरों में नमी अधिक बनी रहते हैं. इससे उनके पैरों में फंगल इंफेक्शन हो सकता है. इससे बचने के लिए आप जूते पहनने से पहले मोजे में एंटीफंगल पाउडर छिड़कें.

एंटीबायोटिक जेल लगाएं

मानसून के दौरान, चेहरे पर बैक्टीरिया के बढ़ने के कारण युवाओं में मुंहासे निकलना आम बात है. अपने चेहरे को दिन में कम से कम दो बार किसी अच्छे एंटी-एक्ने फेस वॉश से धोना और अपने चेहरे पर बार-बार सादे पानी से धोना जरूरी है. फार्मेसी में मिलने वाले मिनरल वाटर स्प्रे भी फ़ायदेमंद हो सकते हैं. हवा में नमी के उच्च स्तर के कारण होने वाले लगातार मुंहासों से निपटने के लिए एंटीबायोटिक जेल का उपयोग करें. 

गंभीर मुहांसों का इलाज

गंभीर मुंहासों के लिए घरेलू उपचार प्रभावी नहीं हो सकते हैं. लंबे समय तक बने रहने वाले निशानों को रोकने के लिए, एडैपेलीन, आइसोट्रेटिनॉइन या एजिथ्रोमाइसिन वाले एंटीबायोटिक जेल का उपयोग कर सकते हैं जो इस मौसम में प्रभावी होते हैं.

भले ही मानसून के दौरान सूरज की रोशनी उतनी तेज न हो, लेकिन सनस्क्रीन लगाना कभी न भूलें. एसपीएफ 20 या उससे ज़्यादा वाला सनस्क्रीन चुनें और बाहर जाने से 10-15 मिनट पहले इसे लगाएं. यह सरल उपाय आपकी त्वचा को यूवी किरणों से बचाने में मदद करता है, जिससे कम सूरज की रोशनी वाले मौसम में भी स्किन सही रहती है और स्किन बूढ़ी नहीं होती. 

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